May 25, 2011

काश वापस आ जाये

काश वो दिन फिर आ जाये
पेंसिल की नौक फिर टूट जाये 
नौक करने के बाद के छिलके को पानी में डुबाये 
काश वो दिन फिर आ जाये 

काश वो रबर फिर घूम जाये 
टिफिन काश वो फिर घर से 
लंच टाइम में पापा देने आये 
गेम्स पीरियड का वो इन्तेजार 
वापस आ जाये 

एनुअल फंक्शन का वो डांस 
वो नाटक की तयारी 
वो साइकिल की यारी 
काश वापस आ जाये 

वो साइकिल का पंचर होना 
वो कम्पास में से पेन चोरी होना 
वो ड्राइंग का  पीरियड
वो मोरल साइंस के पीरियड की नींद
वो बुक से क्रिकेट खेलना 
काश वापस आ जाये 


wwf  का वो खुमार 
कोई बनता rock,कोई  undertaker तो कोई rikishi 
वो होली का हुडदंग 
वो संक्रांति की पतंग 
हट ...काटा ......हैं  की
वो आवाज़ 

काश वापस आ जाये

वो दिन वो बीते हुए लम्हे 
आज भी जेहन में हैं मेरे 
बस एक वो आवाज़ वापस आ जाये 
और यादो को ताज़ा कर जाये 
(C.J)

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