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October 27, 2009

तनहा सफर..!!!



तनहा सा यह सफर है ,
जाने कहाँ इसकी डगर है
भीड़ में भी तन्हाई का अहसास है,
खुशियों में भी गम की आस है,
जिंदगी की इस राह में केवल तन्हाई ही तो पास है॥
तनहा दिल यह पूछ रहा ,
जाने किस कशमकश से जूझ रहा॥
ये दिलेदास्तान कैसे करूं बयान ,
तनहा मैं और तनहा मेरी ज़ुबां ...!!!