
तनहा सा यह सफर है ,
न जाने कहाँ इसकी डगर है ॥
भीड़ में भी तन्हाई का अहसास है,
खुशियों में भी गम की आस है,
जिंदगी की इस राह में केवल तन्हाई ही तो पास है॥
तनहा दिल यह पूछ रहा ,
न जाने किस कशमकश से जूझ रहा॥
ये दिलेदास्तान कैसे करूं बयान ,
तनहा मैं और तनहा मेरी ज़ुबां ...!!!