साल में आता है ऐसे दो दिन
बोलते है उसे खुशियों का त्यौहार
जलते दीपक और ढ़ेर सारे पठाके
मिठाई के साथ करते हम इंतज़ार
पूजा करते है हम भगवान् के
इस दिन को पूरे भारत मनाते है
दुःख को भूलकर मनाये ख़ुशी को
शत्रुता को तोड़कर मनाये दोस्ती को
चलो हम इस दिवाली को दीपक जलाये
जो राह दिखाए एक बेहतर जीवन को
ps: apologies in advance for my very poor hindi :)
heyy..nice try..gud to see some hindi frm u..:)
ReplyDeletenice one leo
ReplyDeleteand gud try
Beautiful and simple hindi poem dear....lived it..!!!
ReplyDeleteLoune is already celebrating Diwali...i think i am lost somewhere..!!! will be here soon with my diwlai too..!!
nice try Leo!
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