so iam posting here one of my poem that i wrote on Teacher's Day.
घने जंगल में पगडण्डी हैं
मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी
और मेरे मस्तिष्क की कुंजी हैं
हर मोड़ पर साथ दिया उन्होंने ,
जब-जब अंधियारे से डर कर पीछे हटा
होंसलो की रोशनी दे कर
आगे बढाया उन्होंने
जब-जब सफलताओ को पाता हूँ
हर जीत उनके नाम करता हूँ
क्योंकि उन्होंने की तो सिखाया हैं
हार से लड़ना मुझे .
पंगु था एक कदम भी ना चल पाता
जो ना मिलता उनकी बैसाखी का सहारा
मझधार में ही डूब जाती मेरी नाव
जो ना मिलता उनके हाथो का किनारा
नादानी भी करी कभी
कभी करी बहुत बड़ी भूल
पर उन्होंने हमेशा माफ़ करा
समझ अपने बगिया के फूल
दी एक नयी पहचान उन्होंने
मंजिलो को पाने का रास्ता भी दिखाया उन्होंने
कभी डांटा भी , कभी मारा भी
पर फिर प्यार से पुचकारा भी उन्होंने
इस शिक्षक दिवस पर करता हूँ
करता हूँ प्रणाम सभी गुरुजनों को
हमेशा बना रहे आशीर्वाद उनका
ऐ खुदा ये दुआ तुझसे करता हूँ .
(ये कविता मैं अपने सभी गुरुजनों को समर्पित करता हूँ )
(चिराग )
nice one
ReplyDeleteGuru to mann ka lutera ha
Jab guru mil gya to mann bacha hi kaha
hamara mann to wo har leta ha
guru ki mahima hi kuch aisi ha
The Moon
ReplyDeleteshines
on a cat
Meow
As a native Swede, I am particularly proud of my love poetry suite Sonnets for Katie.
My Poems
My wallpaper art Babes!)
Yours,
- Peter Ingestad, Sweden
अति उत्तम कविता, जय हो जय हो |
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